दो चट्टानें वाक्य
उच्चारण: [ do chettaanen ]
उदाहरण वाक्य
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- दो चट्टानें में जोगिंदर ने राका नाम का निगेटिव किरदार निभाया था।
- ' ' कोब्रा! '' दो चट्टानें उतरते ही किसी को कहते सुना।
- दो चट्टानें में जोगिंदर ने राका नाम का निगेटिव किरदार निभाया था।
- सागर तट से कुछ दूरी पर मध्य में दो चट्टानें नजर आती हैं।
- सागर तट से कुछ दूरी पर मध्य में दो चट्टानें नजर आती हैं।
- सागर तट से कुछ दूरी पर मध्य में दो चट्टानें नजर आती हैं।
- सागर तट से कुछ दूरी पर मध्य में दो चट्टानें नज़र आती हैं।
- दो चट्टानें ' के लिए 1968 में बच्चन को साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला.
- खास तौर पर दो चट्टानें फिल्म की सारी घटनाएं सामाजिक सरोकारों के इर्द-गिर्द घूमती थीं।
- खास तौर पर दो चट्टानें फिल्म की सारी घटनाएं सामाजिक सरोकारों के इर्द-गिर्द घूमती थीं।
- ये दो चट्टानें इस प्रकार एक-दूसरे से गुंथी हुई हैं, जैसे दो प्रेमी आलिंगनबद्ध हो एक दूसरे में खोये हुए हों।
- उनकी कृति * दो चट्टानें * को 1968 में हिन्दी कविता का “ साहित्य अकादमी पुरस्कार ” से सम्मनित किया गया था।
- इसके अतिरिक्त मधुबाला, मधुकलश, निशा निमंत्रण, खादि के फूल, सूत की माला, मिलन यामिनी, बुद्ध और नाच घर, चार खेमे चौंसठ खूंटे, दो चट्टानें जैसी काव्य की रचना बच्चन ने की है.
- इसके अतिरिक्त मधुबाला, मधुकलश, निशा निमंत्रण, खादि के फूल, सूत की माला, मिलन यामिनी, बुद्ध और नाच घर, चार खेमे चौंसठ खूंटे, दो चट्टानें जैसी काव्य की रचना बच्चन ने की है.
- १९६२-१९६३ की रचनाएँ / हरविंशराय बच्चन दो चट्टानें / हरिवंशराय बच्चन (1965) बहुत दिन बीते / हरिवंशराय बच्चन (1967) कटती प्रतिमाओं की आवाज / हरिवंशराय बच्चन (1968) उभरते प्रतिमानों के रूप / हरिवंशराय बच्चन (1969) जाल समेटा / हरिवंशराय बच्चन (1973)
- हरिवंश राय बच्चन ने अपने “ दो चट्टानें ” नाम के संग्रह की प्रसिद्ध कविता “ सूर समर करनी करहिं ” में अझदहा को एक ज़ुल्म ढाने वाला और सच्चाई के तर्क के प्रति बहरा पात्र दिखाया है जिस से केवल बल के प्रयोग से बात की जा सकती है:
- सामाजिक-राजनैतिक कविताओं (बंगाल का काल, खादी के फूल, सूत की माला, धार के इधर-उधर, आरती और अंगारे, बुद्ध और नाचघर, त्रिभंगिमा, चार खेमे चौंसठ खूँटे, दो चट्टानें, जाल समेटा) तक आते-आते बच्चन का यह काव्य-नायक मनुष्य अपने व्यक्तित्व के रूपांतरण और समाजीकरण में सफल हो जाता है ;
- तेरा हार (1932) मधुशाला (1935) मधुबाला (1936) मधुकलश (1937) निशा निमंत्रण (1938) एकांत संगीत (1939) आकुल अंतर (1943) सतरंगिनी (1945) हलाहल (1946) बंगाल का काव्य (1946) खादी के फूल (1948) सूत की माला (1948) मिलन यामिनी (1950) प्रणय पत्रिका (1955) धार के इधर उधर (1957) आरती और अंगारे (1958) बुद्ध और नाचघर (1958) त्रिभंगिमा (1961) चार खेमे चौंसठ खूंटे (1962) दो चट्टानें (1965) बहुत दिन बीते (1967)
- हरिवंशराय बच्चन जो कि हिन्दी के विख्यात कवि थे, कौन अरे वो ही अपने एक्टर अमिताभ बच्चन जी के बाबूजी | उन्होनें बहुत सी कविताएं और रचनायें लिखीं जिनमें से मुख्य हैं मधुशाला, निशा निमंत्रण, सतरंगिनी, खादी के फूल, दो चट्टानें, आरती और अंगारे, मधुबाला, मधुकलश, प्रणय पत्रिका आदि | उन्होने हिन्दी कविता के इतिहास […]
दो चट्टानें sentences in Hindi. What are the example sentences for दो चट्टानें? दो चट्टानें English meaning, translation, pronunciation, synonyms and example sentences are provided by Hindlish.com.